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jallianwala bagh hatyakand
दोस्तों आज हम बात करने वाले है jallianwala bagh amritsar hatyakand ( पंजाब ) मे हुई दुखदायक घटना के बारे में, जिसमे आपने भारत देश को प्यार करने वाले भारती क्रांतिकारी जवान और बच्चे,बहुद्दे बड़े ही उत्साहित से बैशाखी का तोहर मना रहे थे उन पर ब्रिटिश सरकार दुवारा अन्दादुन्द फायर का आदेश और निहते अन्दोलान्करियो ले लाशों के ढेर, इस घटना से भारत में राज कर रही ब्रिटिश सरकार पूरी तरन हिल गयी |
jallianwala bagh amritsar hatyakand kab hua
जे बात है 13 अप्रेल 1919 पंजाब के जिले अमृतसर की, उस दिन पंजाब का मुख्य तोहार बाश्खी का दिन था, सब लोग बाश्खी का तोहार बड़े ही उत्साहित से मना रहे कुछ लोग आपने फॅमिली बच्चो के साथ गुरुदुवारा गोल्डन tempal में सग्रंद के दिन माथा टेकने और दरसन करने के लिए आये हुवे थे,
jallianwala bagh massacre in hindi
उस दिन ही भारत देश को प्यार करने वाले क्रांतिकारियों ने गोल्डन टेम्पल से लगभग 500 की दुरी पर जल्लेयांवाले बाग में आपनी एक बड़ी मीटिग बुलवाई थी, जो के 2 रास्ट्रीय नेता सतेय्पल और डॉ. सेफुदीन किचलू की गिरफ्तारी और ब्रिटिस सरकार के दुवारा जो काला कानून रोल्ट एक्ट था उस के खिलाफ पर्दार्सन करना था कियोकी रोल्ट एक्ट के आने से खाने पीने चीजे असमान सुह रही थी,
जे बाग 26 हजार स्केयर मीटर में फेला था और चारो तरफ दीवार से घिरा हुवा और परवेश करने के लिए एक तंग रास्ता, धीरे धीरे सब लोग जल्लेयावाले बाग में इकठे होना शुरु हो गए जब काफी भीड़ इकठा हो गयी तबी ब्रिटिश सरकार के सेनिक अधिकारी जनरल डायर और उसकी 150 सेनिक की एक तुक्री ने जल्लेयांवाले बाग को चारो और घेर लिया , भीड़ को तितरबितर करने के लिए कोई भी चेतावनी न देने के बजाये उन पर अन्दादुन्द फायर करना शुरु कर दिया ,
निहते लोग इथर उधर भागना चाह रहे थे लेकिन हर एक भागने के रास्ते में ब्रिटिश सेनिक मजूद थे ,चलती गोलाबारी में भागते होए लोगो ने वहां पर एक पानी का बहुत बड़ा कुवा था उस में सलंग लगानी शुरु कर दी और एक के ऊपर एक सलंग लगते गए पूरा कुवा निहते आंदोलनकारियो की लाशों से बर गया ,
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तब से कुवा का नाम खुनी कुवा जानने लगा ,गोली तबतक चलती रही जब तक के सब लोग ख़तम नहीं हो गए गोली लगभग 10 min तक चलती रही, ब्रिटिश सरकार की इस द्रिन्दगी से लगभग 1 हजार आन्दोलनकारी शहीद हो गए और 2 हजार लोग गायाल हो गए , 26000 स्केयर मीटर में फेला जल्लेयांवाला बाग निहते लोगो के खून से लाल हो गया,
jallianwala bagh
भारती कांतिकारियों का jallianwala bagh amritsar hatyakand में बहा खून जाया नहीं गया इसमें भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में एक बड़ा बदलाव का कारन बनी हुवा जे के जब ब्रिटिश सरकार की क्रूरता की खबर पुरे देश में फेली तो क्रांतिकारियों का गुसा और भी बढ़ गया क्रांतिकारियों में से एक क्रांतिकारी सरदार उधम सिंह ने इस घटना का बदला लेने की ठान ली उसने 21 साल के बाद 13 मार्च 1940 में उधम सिंह ने माइकल ओ डायर को गोली मार कर आपना बदला पूरा किया कियोकी पंजाब में जब जे हत्याकांड हुवा तो जाही पंजाब का लेफ्टिनेंट गवर्नर हुवा करता था
गोलियों के निशान
अभी जल्लेयांवाले बाग में एक सुन्दर पार्क बनी हुई है और शहीदों की याद में एक शहीद स्मारक बनी है जो के भारत सरकार दुवा रास्ट्रीय शहीद स्मारक गोसित किया है,अमृतसर में आने वाले पर्यटक jallianwala bagh amritsar में जरुर जाते है और उस समय चली गोलियों के निसान अभी भी दीवारों पर लगे साफ दिखाई देते है उस कुवे को भी देखा जा सकता है जिस में की आंदोलनकारियो ने बागते हुवे उसमे सलंग लगा दी थी उस कुवे को खुनी कुवा कहा जाता है|
दोस्तों शहीदों ने आपने देश को ब्रिटिस सरकार से आजाद करने के लिए आपना खून देने की परवाह नहीं की सरदार भगत सिंह ,राज गुरु ,सुकदेव ऐसे क्रांतिकारी थे जब इनको फांसी देनी थी तब तिन्नों ने फांसी के रसे को हस्ते हस्ते चूमा लिया और मौत को आपने गले से लगा लिया और भी बहुत से क्रांतिकारी थे जीनोने मौत की परवाह न करते भारत देश को 15 अगस्त 1947 को पूरण आजाद करवाया, नमन् है इन सब क्रांतिकारियों को|
FAQ
Q 1. 13 अप्रैल 1919 को कौन सी घटना घटी थी?
Ans. 13 अप्रेल 1919 जलियांवाला बाग हत्याकांड हुआ था पंजाब के अमृतसर जिले में जलियांवाला बाग में भारी गिनती में इकट्ठे हुए भारत के नहाते क्रांतिकारियों पर जनरल डायर द्वारा अंधाधुंध फायरिंग की गई थी, इसमें 1 हजार से ज्यादा क्रांतिकारी शहीद हुए थे और 2 हज़ार के लगभाग जख्मी हुए|
Q 2. जनरल डायर की मृत्यु कब हुई?
Ans. उदम सिंह ने 13 मार्च 1940 को जनरल डायर को गोली मारकर उसकी हतेया की थी|
Q 3. jallianwala bagh hatyakand kab hua tha ?
Ans. 13 अप्रेल 1919
Q 4. 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर में क्या हुआ ?
Ans. jallianwala bagh amritsar hatyakand
Q 5. जनरल डायर कहाँ का था ?
Ans. जनरल डायर लंदन का रहने वाला था और ब्रिटिश सरकार का सेनापति था जो पंजाब सूबे में तैनात था
Q 6. शहीद उधम सिंह को मृत्युदंड कब दिया गया ?
Ans. उधम सिंह ने जब जनरल डायर को गोली मारी तो उधम सिंह ने भागने की कोशिश नहीं नहीं की और अपनी गिरफ्तारी दे दी जब उधम सिंह पर जनरल डायर की हत्या का मुकदमा चलाया गया तब उधम सिंह को दोषी ठहराते हुए 4 जून 1940 फांसी का हुक्म जारी किया और 31 जुलाई 1940 को उधम सिंह को फांसी दी गई|
Q 7. पंजाब रास्ट्रीय शहीद स्मारक कहाँ है
Ans. जल्लेयांवाला बाग (अमृतसर ) पंजाब